लेखनी प्रतियोगिता -06-Feb-2024
गरीबी दंश क्या होती,
अमीरों को पता क्या हैं?
जो झेले तब तो माने वे,
इसमें उनकी ख़ता क्या हैं?
अपने बदहाल जीवन में,
जो दर-दर को भटकते हैं!
हर पल पेट के ख़ातिर,
जो दाना को तरसते हैं!!
दुख का दंश वे झेले,
कही डट कर सदा रहते!
कड़ी मेहनत वो नित करके,
अपना पेट हैं भरते!!
ये इमारतें ऊंची,
जहां बड़े लोग रहते हैं!
उसे ये झोपड़ी वाले ही,
मिल तैयार करते हैं!!
गरीबी में पले बच्चे,
दुखी जब हो त्योहारों में!
अक्सर देखते भगवन भी,
बिक जाते बाजारों में!!
ये हैं राष्ट्र निर्माता,
इन्हें न कष्ट पहुंचाए!
इन्हे मिलकर ग़रीबी से,
चलो अब मुक्ति दिलवाए!!
स्वरचित मौलिक, सर्वाधिकार सुरक्षित..
✍️चंद्रगुप्त नाथ तिवारी
आरा (भोजपुर) बिहार
Sushi saxena
14-Feb-2024 05:26 PM
Very nice
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Mohammed urooj khan
08-Feb-2024 11:52 AM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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Gunjan Kamal
07-Feb-2024 06:14 PM
👏👌
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